लेखनी प्रतियोगिता -23-Apr-2022 मिट्टी के खिलौने
जिधर देखो उधर खिलौने
सबके सब मिट्टी से बने हुये
कोई राजा तो कोई भिखारी
कोई सेवक तो कोई दरबारी
कोई जज कोई अपराधी
कोई डॉक्टर, नर्स, मरीज
तो किसी की काली, खाकी वरदी ।
सब अपनी अकड़ में अमचूर
सत्ता, धन दौलत, ताकत में चूर
भगवान को भी ठेंगा दिखाने लगे
"जनक" को भी आंखें दिखाने लगे
मिट्टी के खिलौनों के दंभ पर
एक दिन ईश्वर को बड़ा गुस्सा आया
जरा सी भृकुटि टेढ़ी की और
एक भयानक सा भूकंप आया
सारे खिलौने मिट्टी में मिल गये
सामने ईश्वर को देखकर हिल गये
जिसे ठेंगा दिखा रहे थे वही नियंता है
इस सत्य को शायद वे भूल गए ।
हरिशंकर गोयल "हरि"
23.4.22
Zainab Irfan
25-Apr-2022 03:18 PM
बहुत ही सुन्दर
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Punam verma
24-Apr-2022 07:35 AM
Nice
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Hari Shanker Goyal "Hari"
24-Apr-2022 07:48 AM
💐💐🙏🙏
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Abhinav ji
24-Apr-2022 12:00 AM
Very nice
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Hari Shanker Goyal "Hari"
24-Apr-2022 07:48 AM
💐💐🙏🙏
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